चुनाव आयोग ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश सहित छह राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) की समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। आयोग के इस निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में चल रही SIR प्रक्रिया अब नए शेड्यूल के अनुसार आगे बढ़ेगी। कई जिलों से प्राप्त फीडबैक में बताया गया था कि फॉर्म-6, फॉर्म-7 और फॉर्म-8 जैसे आवेदन बड़ी संख्या में लंबित हैं, फील्ड वेरिफिकेशन अधूरा रह गया है और कई बूथ लेवल ऑफिसर निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा डेटा अपलोड नहीं कर पाए हैं। इसके चलते आयोग ने राज्यों को अतिरिक्त समय देने का फैसला लिया, ताकि पात्र मतदाताओं के नाम जुड़ सकें, गलत और डुप्लीकेट प्रविष्टियों को हटाया जा सके और मतदाता सूची को प्रकाशन से पहले पूरी तरह शुद्ध किया जा सके। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में SIR की नई डेडलाइन अब 26 से 31 दिसंबर 2025 के बीच अलग-अलग जिलों में लागू होगी, जबकि अन्य राज्यों के लिए भी इसी सप्ताह के भीतर नया संशोधित टाइमलाइन नोटिफाई किया जाएगा। तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में भी कई जिलों ने समय की कमी और असामान्य कार्यभार की जानकारी आयोग को भेजी थी, जिसके बाद विस्तार दिया गया। हालांकि, उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल को इस बार यह राहत नहीं मिली, क्योंकि वहां आयोग ने मौजूदा प्रगति को “संतोषजनक” मानते हुए शेड्यूल को जस का तस रखा है। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रीढ़ होती है, और उसे त्रुटिरहित बनाना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।